राज्य सरकार अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक आदि क्षेत्रों में सम्यक विकास हेतु कृत संकल्प है। एक कल्याणकारी सरकार के रूप में राज्य सरकार का दायित्व है कि वह समतामूलक समाज की स्थापना हेतु समाज के सभी अत्यंत कमजोर वर्गों के उत्थान हेतु कल्याणकारी कार्य करे तथा समाज में सदियों से उपेक्षित और शोषित वर्ग को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करें। इस परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण, कल्याण, विकास एवं अभिवृद्धि तथा उनके रक्षोपायों से संबंधित सभी मामलों का अन्वेषण और अनुश्रवण करने के लिए राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है। आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं 3 सदस्य का पद स्वीकृत हैं।