बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगमः-
बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (Bihar State Backward Classes Finance & Development Corporation) पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार सरकार के नियंत्रणाधीन इकाई है, जिसकी स्थापना कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अधीन वर्ष 1993 (17.06.1993) में की गई है। इस निगम का मूल उद्देष्य राज्य के पिछड़े वर्ग के लोगों का आर्थिक उत्थान किया जाना है। यह निगम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बिहार सरकार का चैनेलाईजिंग एजेन्सी है।
निगम के मूल उद्देष्य:-
- पिछड़े वर्ग के सदस्यों को लाभ पहुँचाने के लिए आर्थिक विकास की योजना लेना।
- आर्थिक विकास की योजनाओं हेतु सरकार द्वारा निर्धारित आर्थिक मापदंडों के आधार पर पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को तकनीकी तथा वित्तीय योजनाओं हेतु ऋण मुहैया किया जाना।
- पिछड़े वर्ग के सदस्यों के तकनीकी/प्रोफेषनल षिक्षा के लिए ऋण सुविधाएँ उपलब्ध कराया जाना तथा समय-समय पर टेªनिंग आदि देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना।
बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम, पटना के माध्यम से संचालित की जा रही विभागीय योजनाएँ:-
1. प्राक् परीक्षा प्रषिक्षण योजना: यह योजना पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को यू0पी0एस0सी0/बी0पी0एस0सी0 एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। प्रति केन्द्र 120 प्रतियोगियों को प्रतियोगिता परीक्षा की निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। योजना के तहत राज्य में कुल 38 केन्द्र स्वीकृत है। वर्तमान में 36 केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है तथा शेष 2 केन्द्रों को संचालित करने की कार्रवाई की जा रही है। योजनान्तर्गत अबतक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अबतक कुल 15,916 छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
2. मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कौषल विकास योजनाः- ‘‘मुख्यमंत्री पिछडा़ वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कौषल विकास योजना’’ पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगांे के बेरोजगारी दूर करने एवं जीवन स्तर उपर उठाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2017-18 से संचालित है। इस योजना के तहत श्रम संसाधन विभाग द्वारा अनुशंसित प्रशिक्षण केन्द्रों पर विभिन्न ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में कुल 81 प्रषिक्षण केन्द्रों में 4162 प्रषिक्षणार्थी प्रषिक्षण प्राप्त कर चुके हैैंं। इस योजना से पिछड़े वर्गों एवं अत्यंत पिछड़े वर्गों के सदस्यों का आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन के साथ-साथ राज्य के आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
3. मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण योजनाः- पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को व्यवसायिक पाठ्यक्रमों यथा-प्रबंधन, विधि आदि की तैयारी एवं संबंधित रोजगारपरक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, उच्च संस्थानों में शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति में भागीदारी बढ़ाने हेतु NET, GATE, JRF (CSIR),Ph.D, M.Phil आदि की तैयारी निःशुल्क करायी जाती है। योजनान्तर्गत अबतक 10 केन्द्रों की स्वीकृति दी गयी है। जिसमें सेवर्तमान में 03 केन्द्र संचालित है तथा शेष 07 केन्द्रों को संचालित करने की कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में चाण्क्या विधि विश्वविद्यालय अवस्थित केन्द्र में 41, चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान में 36 तथा ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना में 120 छात्र/छात्राएँ प्रशिक्षणरत् हैं।
मुख्यमंत्री व्यवसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण सत्र